حمید (اسم الله)
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حميد از حمد (ستايش) و از اسماى حسناى الهى به معناى حامد بُود، ستاينده خود و ستاينده مؤمنان و به معنى محمود بود. ستوده، ستودن خود مر خود را و سُتودن مؤمنان او را،[۱] به معناى كسى كه ستايش براى او ثابت شده است.[۲]
و اطلاق آن به معناى فاعلى (حامد) و مفعولى (محمود) بر خداوند جايز است.[۳]
اين اسم و صفت الهى در آيات ذيل مطرح شده است:
| شماره | نام سوره | آیات |
|---|---|---|
| 1 | سوره بقره(2) | آیه 267. |
| 2 | سوره نساء(4) | آیه 131. |
| 3 | سوره هود(11) | آیه 73. |
| 4 | سوره ابراهیم(14) | آیات 1 و 8. |
| 5 | سوره حج(22) | آیات 24 و 64. |
| 6 | سوره لقمان(31) | آیات 12 و 26. |
| 7 | سوره سبا(34) | آیه 6. |
| 8 | سوره فاطر(35) | آیه 15. |
| 9 | سوره فصلت(41) | آیه 42. |
| 10 | سوره شوری(42) | آیه 28. |
| 11 | سوره حدید(57) | آیه 24. |
| 12 | سوره ممتحنه(60) | آیه 6. |
| 13 | سوره تغابن(64) | آیه 6. |
| 14 | سوره بروج(85) | آیه 8. |
پانویس
منابع
فرهنگ قرآن، جلد 12، صفحه 187.




