سوره های مکی: تفاوت بین نسخهها
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Saeed zamani (بحث | مشارکتها) |
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سوره های مکی که یک اصطلاح قرآنی است به سوره هایی اطلاق می شود که در شهر مکه بر پیامبر اسلام نازل شده است. | سوره های مکی که یک اصطلاح قرآنی است به سوره هایی اطلاق می شود که در شهر مکه بر پیامبر اسلام نازل شده است. | ||
| + | سوره های مکی به ترتیب نزول : | ||
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| + | {|width="45%" style="margin:1em 1em 1em 1; text-align:center;border-style:solid;" | ||
| + | |- | ||
| + | |شماره در مصحف | ||
| + | |نام سوره | ||
| + | |شماره در ترتیب نزول | ||
| + | |- | ||
| + | |۹۶ | ||
| + | |[[سوره علق]] | ||
| + | |۱ | ||
| + | |- | ||
| + | |۶۸ | ||
| + | |[[سوره قلم]] | ||
| + | |۲ | ||
| + | |- | ||
| + | |۷۳ | ||
| + | |[[سوره مزمل]] | ||
| + | |۳ | ||
| + | |- | ||
| + | |۷۴ | ||
| + | |[[سوره مدثر]] | ||
| + | |۴ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱ | ||
| + | |[[سوره حمد]] | ||
| + | |۵ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱۱۱ | ||
| + | |[[سوره مسد]] | ||
| + | |۶ | ||
| + | |- | ||
| + | |۸۱ | ||
| + | |[[سوره تکویر]] | ||
| + | |۷ | ||
| + | |- | ||
| + | |۸۷ | ||
| + | |[[سوره اعلی]] | ||
| + | |۸ | ||
| + | |- | ||
| + | |۹۲ | ||
| + | |[[سوره الليل]] | ||
| + | |۹ | ||
| + | |- | ||
| + | |۸۹ | ||
| + | |[[سوره فجر]] | ||
| + | |۱۰ | ||
| + | |- | ||
| + | |۹۳ | ||
| + | |[[سوره الضحى]] | ||
| + | |۱۱ | ||
| + | |- | ||
| + | |۹۴ | ||
| + | |[[سوره انشراح]] | ||
| + | |۱۲ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱۰۳ | ||
| + | |[[سوره عصر]] | ||
| + | |۱۳ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱۰۰ | ||
| + | |[[سوره عادیات]] | ||
| + | |۱۴ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱۰۸ | ||
| + | |[[سوره کوثر]] | ||
| + | |۱۵ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱۰۲ | ||
| + | |[[سوره تکاثر]] | ||
| + | |۱۶ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱۰۷ | ||
| + | |[[سوره ماعون]] | ||
| + | |۱۷ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱۰۹ | ||
| + | |[[سوره کافرون]] | ||
| + | |۱۸ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱۰۵ | ||
| + | |[[سوره فیل]] | ||
| + | |۱۹ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱۱۳ | ||
| + | |[[سوره فلق]] | ||
| + | |۲۰ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱۱۴ | ||
| + | |[[سوره ناس]] | ||
| + | |۲۱ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱۱۲ | ||
| + | |[[سوره اخلاص]] | ||
| + | |۲۲ | ||
| + | |- | ||
| + | |۵۳ | ||
| + | |[[سوره نجم]] | ||
| + | |۲۳ | ||
| + | |- | ||
| + | |۸۰ | ||
| + | |[[سوره عبس]] | ||
| + | |۲۴ | ||
| + | |- | ||
| + | |۹۷ | ||
| + | |[[سوره قدر]] | ||
| + | |۲۵ | ||
| + | |- | ||
| + | |۹۱ | ||
| + | |[[سوره شمس]] | ||
| + | |۲۶ | ||
| + | |- | ||
| + | |۸۵ | ||
| + | |[[سوره بروج]] | ||
| + | |۲۷ | ||
| + | |- | ||
| + | |۹۵ | ||
| + | |[[سوره تین]] | ||
| + | |۲۸ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱۰۶ | ||
| + | |[[سوره قریش]] | ||
| + | |۲۹ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱۰۱ | ||
| + | |[[سوره قارعة]] | ||
| + | |۳۰ | ||
| + | |- | ||
| + | |۷۵ | ||
| + | |[[سوره قيامة]] | ||
| + | |۳۱ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱۰۴ | ||
| + | |[[سوره الهمزة]] | ||
| + | |۳۲ | ||
| + | |- | ||
| + | |۷۷ | ||
| + | |[[سوره مرسلات]] | ||
| + | |۳۳ | ||
| + | |- | ||
| + | |۸۶ | ||
| + | |[[سوره الطارق]] | ||
| + | |۳۵ | ||
| + | |- | ||
| + | |۹۰ | ||
| + | |[[سوره بلد]] | ||
| + | |۳۵ | ||
| + | |- | ||
| + | |۵۴ | ||
| + | |[[سوره قمر]] | ||
| + | |۳۷ | ||
| + | |- | ||
| + | |۳۸ | ||
| + | |[[سوره ص]] | ||
| + | |۳۸ | ||
| + | |- | ||
| + | |۷ | ||
| + | |[[سوره اعراف]] | ||
| + | |۳۹ | ||
| + | |- | ||
| + | |۷۲ | ||
| + | |[[سوره جن]] | ||
| + | |۴۰ | ||
| + | |- | ||
| + | |۳۶ | ||
| + | |[[سوره یس]] | ||
| + | |۴۱ | ||
| + | |- | ||
| + | |۲۵ | ||
| + | |[[سوره فرقان]] | ||
| + | |۴۲ | ||
| + | |- | ||
| + | |۳۵ | ||
| + | |[[سوره فاطر]] | ||
| + | |۴۳ | ||
| + | |- | ||
| + | |۵۰ | ||
| + | |[[سوره ق]] | ||
| + | |۴۳ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱۹ | ||
| + | |[[سوره مریم]] | ||
| + | |۴۴ | ||
| + | |- | ||
| + | |۲۰ | ||
| + | |[[سوره طه]] | ||
| + | |۴۵ | ||
| + | |- | ||
| + | |۵۶ | ||
| + | |[[سوره واقعه]] | ||
| + | |۴۶ | ||
| + | |- | ||
| + | |۲۶ | ||
| + | |[[سوره شعراء]] | ||
| + | |۴۷ | ||
| + | |- | ||
| + | |۲۷ | ||
| + | |[[سوره نمل]] | ||
| + | |۴۸ | ||
| + | |- | ||
| + | |۲۸ | ||
| + | |[[سوره قصص]] | ||
| + | |۴۹ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱۷ | ||
| + | |[[سوره اسراء]] | ||
| + | |۵۰ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱۰ | ||
| + | |[[سوره یونس]] | ||
| + | |۵۱ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱۱ | ||
| + | |[[سوره هود]] | ||
| + | |۵۲ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱۲ | ||
| + | |[[سوره یوسف]] | ||
| + | |۵۳ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱۵ | ||
| + | |[[سوره حجر]] | ||
| + | |۵۴ | ||
| + | |- | ||
| + | |۶ | ||
| + | |[[سوره انعام]] | ||
| + | |۵۵ | ||
| + | |- | ||
| + | |۳۷ | ||
| + | |[[سوره صافات]] | ||
| + | |۵۶ | ||
| + | |- | ||
| + | |۳۱ | ||
| + | |[[سوره لقمان]] | ||
| + | |۵۷ | ||
| + | |- | ||
| + | |۳۴ | ||
| + | |[[سوره سبا]] | ||
| + | |۵۸ | ||
| + | |- | ||
| + | |۳۹ | ||
| + | |[[سوره زمر]] | ||
| + | |۵۹ | ||
| + | |- | ||
| + | |۴۰ | ||
| + | |[[سوره غافر]] | ||
| + | |۶۰ | ||
| + | |- | ||
| + | |۴۱ | ||
| + | |[[سوره فصلت]] | ||
| + | |۶۱ | ||
| + | |- | ||
| + | |۴۲ | ||
| + | |[[سوره شوری]] | ||
| + | |۶۲ | ||
| + | |- | ||
| + | |۴۳ | ||
| + | |[[سوره زخرف]] | ||
| + | |۶۳ | ||
| + | |- | ||
| + | |۴۴ | ||
| + | |[[سوره دخان]] | ||
| + | |۶۴ | ||
| + | |- | ||
| + | |۴۵ | ||
| + | |[[سوره جاثيه]] | ||
| + | |۶۵ | ||
| + | |- | ||
| + | |۴۶ | ||
| + | |[[سوره احقاف]] | ||
| + | |۶۶ | ||
| + | |- | ||
| + | |۵۱ | ||
| + | |[[سوره ذاریات]] | ||
| + | |۶۷ | ||
| + | |- | ||
| + | |۸۸ | ||
| + | |[[سوره الغاشية]] | ||
| + | |۶۸ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱۸ | ||
| + | |[[سوره کهف]] | ||
| + | |۶۹ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱۶ | ||
| + | |[[سوره نحل]] | ||
| + | |۷۰ | ||
| + | |- | ||
| + | |۷۱ | ||
| + | |[[سوره نوح]] | ||
| + | |۷۱ | ||
| + | |- | ||
| + | |۱۴ | ||
| + | |[[سوره ابراهیم]] | ||
| + | |۷۲ | ||
| + | |- | ||
| + | |۲۱ | ||
| + | |[[سوره انبیاء]] | ||
| + | |۷۳ | ||
| + | |- | ||
| + | |۲۳ | ||
| + | |[[سوره مؤمنون]] | ||
| + | |۷۴ | ||
| + | |- | ||
| + | |۳۲ | ||
| + | |[[سوره سجده]] | ||
| + | |۷۵ | ||
| + | |- | ||
| + | |۵۲ | ||
| + | |[[سوره طور]] | ||
| + | |۷۶ | ||
| + | |- | ||
| + | |۶۷ | ||
| + | |[[سوره ملک]] | ||
| + | |۷۷ | ||
| + | |- | ||
| + | |۶۹ | ||
| + | |[[سوره الحاقة]] | ||
| + | |۷۸ | ||
| + | |- | ||
| + | |۷۰ | ||
| + | |[[سوره معارج]] | ||
| + | |۷۹ | ||
| + | |- | ||
| + | |۷۸ | ||
| + | |[[سوره نبا]] | ||
| + | |۸۰ | ||
| + | |- | ||
| + | |۷۹ | ||
| + | |[[سوره نازعات]] | ||
| + | |۸۱ | ||
| + | |- | ||
| + | |۸۲ | ||
| + | |[[سوره انفطار]] | ||
| + | |۸۲ | ||
| + | |- | ||
| + | |۸۴ | ||
| + | |[[سوره انشقاق]] | ||
| + | |۸۳ | ||
| + | |- | ||
| + | |۳۰ | ||
| + | |[[سوره روم]] | ||
| + | |۸۴ | ||
| + | |- | ||
| + | |۲۹ | ||
| + | |[[سوره عنکبوت]] | ||
| + | |۸۵ | ||
| + | |- | ||
| + | |۸۳ | ||
| + | |[[سوره مطففین]] | ||
| + | |۸۶ | ||
| + | |} | ||
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نسخهٔ ۱ ژانویهٔ ۲۰۱۴، ساعت ۱۳:۵۹
سوره های مکی که یک اصطلاح قرآنی است به سوره هایی اطلاق می شود که در شهر مکه بر پیامبر اسلام نازل شده است.
سوره های مکی به ترتیب نزول :




